भारत की 35 प्रमुख नदी एवं सहायक नदियाँ – Rivers of India

भारत की नदियाँ इस देश की प्राचीन सभ्यताओं का एक महत्वपूर्ण अंग है और हमारे देश के लगभग सभी धार्मिक स्थलो को जीवन देने वाली है. नदियों के देश कहे जाने वाले भारत में जहा आज भी नदियों की पूजा की जाती है, आइए जानते है कुछ रोचक तथ्य एवं जानकारी भारत की नदिया और उनके उदगम स्थल के बारे मे!

गंगा नदी

उदगम स्रोत – गंगोत्री हिमनद
लंबाई – 2,525 कि.मी
मुहाना – सुंदरवन, बंगाल की खाड़ी

गंगा नदी भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण एवं पवित्र नदी है जिसे माँ तथा देवी के रूप मे भी पूजा जाता है, इस नदी के तट पर कई धार्मिक स्थल है जिनका भारतीय सामाजिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्था की दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण योगदान है!

यमुना नदी

उदगम स्रोत – यमुनोत्री
लंबाई – 1,376 कि.मी
मुहाना – त्रिवेणी संगम, इलाहाबाद

यमुना नदी, गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है जो यमुनोत्री नामक जगह से निकलती है और इलाहाबाद में गंगा तथा सरस्वती नदी से मिल जाती है!

सरस्वती नदी

सरस्वती नदी एक प्राचीन एवं पौराणिक काल की नदी है जिसका विवरण वेदों में भी है, यह भारत की तीसरी पवित्र नदी है तथा प्रयाग में तीन नदियों का संगम है (यमुना नदी, गंगा नदी और सरस्वती नदी).

क्षिप्रा नदी

उदगम स्रोत – धार
लंबाई – 196 कि.मी
मुहाना – चंबल नदी

क्षिप्रा नदी मध्य भारत मे बहाने वाली एक ऐतिहासिक नदी है, इस नदी के किनारे उज्जैन महाकाल ज्योतिर्लिंग है और चार स्थानो मे से एक कुम्भ का मेला इसी नदी के किनारे लगता है!

नर्मदा नदी

उदगम स्रोत – अमरकंटक
लंबाई – 1,312 कि.मी
मुहाना – खम्भात की खाड़ी, अरब सागर

नर्मदा नदी एक पवित्र, दिव्य व रहस्यमयी नदी है जिसका स्रोत अमरकंटक में नर्मदा कुंड से हुआ है! नर्मदा नदी, गोदावरी नदी और कृष्णा नदी के बाद पूर्ण रूप से भारत देश के अंदर बहने वाली तीसरी सबसे लंबी नदी है।

गोदावरी नदी

उदगम स्रोत – त्रयंबकेश्वर
लंबाई – 1,465 कि.मी
मुहाना – बंगाल की खाड़ी

गोदावरी नदी जिसे दक्षिण गंगा भी कहा जाता है, महाराष्ट्र में नासिक जिले से निकलती है और आंध्र प्रदेश से बहते हुए बंगाल की खाड़ी मे जाकर मिलती है!

कावेरी नदी

उदगम स्रोत – तालाकावेरी
लंबाई – 760 कि.मी
मुहाना – कावेरी डेल्टा, बंगाल की खाड़ी

कावेरी नदी दक्षिण भारत में गोदावरी और कृष्णा के बाद तीसरी सबसे बड़ी नदी है, इस नदी के किनारे बसा तिरुचिरापल्ली शहर हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है।

कृष्णा नदी

उदगम स्रोत – महाबलेश्वर
लंबाई – 1290 कि.मी
मुहाना – बंगाल की खाड़ी

कृष्णा नदी महाबलेश्वर पर्वत से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है। इस नदी को हिंदुओं द्वारा पवित्र माना जाता है। और कहा जाता है की इस नदी मे स्नान करके लोगों के सभी पापों का अंत होता है!

ब्रह्मपुत्र नदी

उदगम स्रोत – तिब्बत, कैलाश पर्वत
लंबाई – 2900 कि.मी
मुहाना – बंगाल की खाड़ी

ब्रह्मपुत्र नदी भारत की एक मात्र नदी है जिसका नाम पुल्लिंग है – शाब्दिक अर्थ ब्रह्मा का पुत्र, ब्रह्मपुत्र नदी एक बहुत लम्बी नदी है जिसका उद्गम तिब्बत में कैलाश पर्वत के निकट है!

महानदी

उदगम स्रोत – धमतरी
लंबाई – 885 कि.मी
मुहाना – बंगाल की खाड़ी

महानदी का उद्गम रायपुर के समीप धमतरी जिले से हुआ है तथा यह छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा राज्यो से होकर विशाल रूप धारण कर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है!

अलकनंदा नदी

उदगम स्रोत – गंगोत्री हिमनद
लंबाई – 195 कि.मी
मुहाना – गंगा

अलकनंदा नदी, पवित्र गंगा के दो मुख्यधाराओं में से एक है और इसकी अधिक लंबाई और निर्वहन के कारण गंगा की स्रोत धारा माना जाता है!

भागीरथी नदी

उदगम स्रोत – गंगोत्री हिमनद
लंबाई – 205 कि.मी
मुहाना – गंगा

भागीरथी नदी, देवप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलकर पवित्र गंगा नदी का निर्माण करती है. टिहरी बाँध भागीरथी नदी तथा दूसरी सहयोगी भीलांगना नदी के संगम पर बना है जो की विश्व का पाँचवा सबसे ऊँचा बाँध है!

सरयू नदी

सरयू नदी एक वैदिक कालीन नदी है जो हिमालय से निकलकर अयोध्या से होकर गंगा में मिल जाती है!

झेलम नदी

झेलम नदी शेषनाग झील से निकलती है और यह कश्मीर घाटी की सुन्दरता में चार-चाँद लगा देती है!

चंबल नदी

उदगम स्रोत – जानापाव पर्वत
लंबाई – 966 कि.मी
मुहाना – यमुना

चंबल नदी महू से निकलती है और मध्य प्रदेश – राजस्थान के बीच सीमा बनती हुई उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना नदी से मिल जाती है! इसकी मुख्य सहायक नदिया शिप्रा, सिंध, कलिसिन्ध, ओर कुननों नदी है।

बेतवा नदी

उदगम स्रोत – होशंगाबाद
लंबाई – 590 कि.मी
मुहाना – यमुना

बेतवा नदी मध्य-प्रदेश के होशंगाबाद के उत्तर में विंध्य पर्वत से निकलकर विदिशा, ओरछा आदि जिलों से बहती हुई यमुना नदी मे जा मिलती है!

सिंध नदी

उदगम स्रोत – विदिशा
लंबाई – 470 कि.मी
मुहाना – यमुना

सिंध नदी, यमुना नदी की एक सहायक नदी है जो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यो से बहती हुई चंबल नदी के संगम के बाद यमुना नदी से मिलती है!

सोन नदी

उदगम स्रोत – अमरकंटक
लंबाई – 784 कि.मी
मुहाना – गंगा

सोन नदी अमरकंटक से निकलती है और यमुना नदी के बाद गंगा की दूसरी सबसे बड़ी सहायक नदी है जो पहाड़ियों से गुजरते हुए पटना के समीप जाकर गंगा नदी में मिल जाती है।

जुवारी नदी

उदगम स्रोत – पश्चिमी घाट
लंबाई – 92 कि.मी
मुहाना – अरब़ सागर

जुवारी नदी गोवा राज्य में बहने वाली सबसे लम्बी नदी है और गोआ राज्य मे ही मांडोवी नदी से मिलकर बन्दरगाह के लिए मुहाना बनाकर अरब सागर में मिलती है!

मांडोवी नदी

मांडोवी नदी, ज़ुआरी नदी के साथ गोवा की दो प्रमुख नदियों में से एक है जो भारत के राज्य कर्नाटक और गोवा से होकर बहती है! मांडोवी नदी और जुवारी नदी आपस में मिलकर एक मुहाना बनाती हैं जो की गोवा के कृषि क्षेत्र का प्रमुख कारक हैं!

काली नदी

काली नदी कर्नाटक राज्य के उत्तरा कन्नड़ मे रहने वेल लोगो की जीवन रेखा है, सदाशिवगढ़ किला तटीय राजमार्ग के पास काली नदी के समीप स्थित एक बहुत ही लोकप्रिय पर्यटन स्थल है!

शरावती नदी

शरावती नदी दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी हैं जो कर्नाटक राज्य के शिमोगा जिले से निकलती है और भारतभर में प्रसिद्ध जोग जल प्रपात बनती है!

चिनाब नदी

चिनाब नदी पंजाब क्षेत्र की 5 प्रमुख नदियों में से एक , यह नदी दो नदियों, चंद्र और भाग के संगम द्वारा बनती है जिसका महाभारत मे भी उल्लेख मिलता है!

सतलुज नदी

सतलुज नदी भी पंजाब में बहने वाली पाँचों नदियों में से एक है और इसकी लंबाई सबसे ज़्यादा है, इस नदी पर हिमाचल प्रदेश मे भाखड़ा नांगल बांध बनाया गया है!

काली सिन्ध नदी

काली सिन्ध नदी मध्यप्रदेश के देवास से निकलती है और राजस्थान राज्य से प्रवाहित होते हुए यह चम्बल नदी की सहायक नदी बन जाती है!

घाघरा नदी

घाघरा नदी नेपाल से होकर बहती हुई उत्तर प्रदेश एवं बिहार में प्रवाहित होती है तथा छपरा के बीच यह गंगा में मिल जाती है!

कोसी नदी

कोसी नदी बिहार मे बाढ से बहुत तबाही लाने वाली नदी है इसलिए इसे बिहार का अभिशाप भी कहा जाता , यह हिमालय की ऊँची पहाड़ियों से होते हुए गंगा में मिल जाती है।

गंडक नदी

गंडक नदी नेपाल और बिहार में बहने वाली एक नदी का नाम है, यह हिमालय से निकलकर उत्तर प्रदेश तथा बिहार राज्यों के बीच सीमा निर्धारित करती हुई पटना के संमुख गंगा में पर मिल जाती है!

ताप्‍ती नदी

ताप्ती नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली नदी है यह लगभग 740 कि.मी लंबी है और खम्बात की खाड़ी में जाकर मिलती है! ताप्ती नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश के बैतूल जिले से हुआ है और यह सूरत मे बन्दरगाह मुहाना बनाते हुए अरब सागर मे जा मिलती है!

तुंगभद्रा नदी

उदगम स्रोत – पश्चिमी घाट
लंबाई – 531 कि.मी
मुहाना – कृष्णा

तुंगभद्रा नदी कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में बहती है और कृष्णा नदी में मिल जाती है, इस नदी का जन्म पश्चिमी घाट के गंगामूला नामक स्थान से तुंगा एवं भद्रा नदियों के मिलन से हुआ है और विश्व विख्यात शहर हंपी तुंगभद्रा नदी के किनारे बसा हुआ है!

मानस नदी

मानस नदी दक्षिणी भूटान और भारत के बीच तलहटी मे बहती है, यह भूटान की सबसे बड़ी नदी प्रणाली है आसम राज्य के जोगिगोपा में शक्तिशाली ब्रह्मपुत्र नदी में शामिल हो जाती है!

पेरियार नदी

उदगम स्रोत – पश्चिमी घाट
लंबाई – 244 कि.मी
मुहाना – अरब़ सागर

पेरियार नदी केरल राज्य के पश्चिमी घाट से निकलकर पश्चिम में प्रवाहित होती और अरब़ सागर से मिलती है, यह भारतीय राज्य केरल में सबसे बड़ी निर्वहन क्षमता वाली सबसे लंबी नदी है!

तीस्ता नदी

उदगम स्रोत – लहमो झील
लंबाई – 310 कि.मी
मुहाना – ब्रह्मपुत्र

तीस्ता नदी सिक्किम और जलपाइगुड़ी विभाग की मुख्य नदी है, इस नदी को सिक्किम राज्य की जीवनरेखा भी कहा जाता है, जो आगे जा कर और ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती!

हुगली नदी

हुगली नदी वास्तव मे गंगा नदी की ही एक शाखा है जो फराक्का बैराज से निकली है और पश्चिम बंगाल के माध्यम से दक्षिण की ओर बहती हुए अंत में बंगाल की खाड़ी मे जा मिलती है!

कोयना नदी

उदगम स्रोत – महाबळेश्वर
लंबाई – 130 कि.मी
मुहाना – कृष्णा

कोयना नदी पश्चिमी भारत की एक प्रमुख नदी है जो महाबालेश्वर से निकलती है और कृष्णा नदी की एक सहायक है जिसे महाराष्ट्र की लाइफ लाइन के रूप में जाना जाता है!

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