भारत में कश्मीर से लेकर केरल तक और राजस्थान से लेकर असम तक बड़ी संख्या में खूबसूरत झीलें और महान नदियाँ हैं। भारत में झीलों को मनुष्य द्वारा निर्मित के साथ-साथ प्राकृतिक रूप से भी विभाजित किया जा सकता है, और प्राकृतिक झील, मीठे पानी की झील और खारे पानी की झीलों के रूप में भी विभाजित कर सकते है।
वेम्बानद झील एक विस्तृत श्रृंखला है और इसे कई जिलो में अलग अलग नाम से जाना जाता है, इसे अलप्पुझा में वेम्बनाडु झील, कुट्टनाड में पुन्नमदा झील और कोच्चि में कोच्चि झील के नाम से जाना जाता है।
केरल राज्य में बहुत सारी झीलें हैं उनमें से एक है सस्तमकोट्टा झील जिसे ‘झीलों की रानी’ कहा जाता है, केरल की सबसे बड़ी और सबसे बड़ी ताज़े पानी की झील है। झील भारत के सबसे लंबे रेलवे पुल की मेजबानी भी करती है!
वुलर झील एशिया की सबसे बड़ी ताजे पानी की झीलों में से एक है और भारत में सबसे बड़ी भी है, जम्मू और कश्मीर में स्थित है। वुलर झील का हरा पानी मछली, पक्षियों और वन्यजीवों की समृद्ध आबादी के लिए एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक आवास है।
कश्मीर घाटी में इसके किनारों और अन्य जगहों पर रहने वाले हजारों लोग अपनी आजीविका कमाने के लिए मछली पकड़ने के लिए वुलर झील पर निर्भर हैं। कश्मीर घाटी में नागिन झील और सबसे लोकप्रिय डल झील जैसी कुछ और भी खूबसूरत झीलें हैं।
डल झील श्रीनगर मे स्थित में एक बहुत ही प्रसिद्ध झील जो की 18 किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है झील तीन दिशाओं से पहाड़ियों से घिरी हुई है। भारत की सबसे सुंदर झीलों में इसका नाम लिया जाता है। पास ही स्थित मुगल वाटिका एक अत्यंत लुभावना दृश्य भी प्रदान करती है!
नागिन झील प्रसिद्ध कश्मीर के स्वर्ग के सबसे सुंदर झील में से एक है। यह झील कोई अलग झील नहीं है बल्कि प्रसिद्ध और सबसे सुंदर डल झील का एक हिस्सा है!
चिलिका झील एक खारे पानी का लगुन है जो ओड़ीसा के पुरी शहर के पास तक फैली है, यह भारत में सबसे बड़ा तटीय लगुन और दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा तटीय लगुन है जिसे रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्व का पहला भारतीय आर्द्रभूमि वाला स्थान नामित किया गया था।
मणिपुर राज्य में स्थित लोकताक झील दुनिया की एकलौती एसी झील है जो अपनी सतह पर तैरते हुए वनस्पति और मिट्टी से बने द्वीपों के लिये प्रसिद्ध है और यहा विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान भी मौजूद है जिसका नामे केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान है और यह संगइ प्रजाति के हिरन के लिए जाना जाता है!
अष्टमुडी झील पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय है और भारत के महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि क्षेत्रों में से एक है, इस झील को केरल के पानी वाले सौन्दर्य का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है और किनारों पर नारियल और ताड़ के वृक्ष, मछुआरों द्वारा लगाये गये चीनी-शैली के मछली पकड़ने के जाल के लिए भी जाना जाता है!
सो मोरिरी भी लद्दाख क्षेत्र में चांगथंग पठार पर स्थित एक प्राकृतिक झील है और तो और यह यह भारत की अत्यधिक ऊँचाई पर स्थित झीलों में सबसे बड़ी है!
चंगू झील या त्सोंगमो झील, पूर्व सिक्किम ज़िले में स्थित झील है जो प्रान्तीय राजधानी गंगटोक से 40 किमी दूर है और सर्दियों में इस झील की सतह पूरी तरह से जम जाती है।
डीपोर बील का अर्थ स्थानीय असमिया भाषा में झील है, यह ब्रह्मपुत्र नदी के एक पूर्व चैनल में एक स्थायी मीठे पानी की झील है, और असम मे ब्रह्मपुत्र घाटी में स्थित सबसे बड़ी बील में से एक के रूप में माना जाता है!
चंदुवी झील असम की एक और प्राकृतिक झील है जो गहरे जंगल और छोटे गांवों से घिरी है और प्राकृतिक दर्शनीय स्थल और पिकनिक स्थल के साथ साथ यह झील सर्दियों के दौरान प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करती है।
पैंगांग झील हिमालय पर्वत में स्थित एक अत्यंत लुभावनी एवं आकर्षक झील है इस झील को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व मे एक आर्द्रभूमि के रूप में जाना जाता है!
कोलेरु झील भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों में से एक है जो आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है और एशिया की सबसे बड़ी उथली मीठे पानी झील भी है तथा यह झील पर्यटकों के आकर्षण का एक प्रमुख केंद्र है। कई पक्षी सर्दियों में यहाँ आते हैं, जैसे कि साइबेरियन क्रेन, आइबिस और चित्रित सारस!
चिलिका झील के बाद पुलीकट लगुन भारत का दूसरा सबसे बड़ा खारे पानी की झील है, यह आंध्रप्रदेश और तमिल नाडु के बीच स्थित है और झील का प्रमुख हिस्सा आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले के अंतर्गत आता है!
झील पिछोला उदयपुर मे स्थित है जिस पर दो द्वीप हैं और दोनों पर महल बने हुए है, जग निवास और जग मन्दिर! पिछोला झील, उदय सागर झील, फतेह सागर झील, राजसमंद झील और जयसमंद झील उदयपुर की पाँच प्रमुख झीलें हैं। राजस्थान की सबसे प्रसिद्ध झील में से एक पुष्कर झील भी है जो राजस्थान के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है।
गुरूडोंगमर दुनिया की सबसे ऊंची झीलों में से एक है। यह ताजे पानी की झील सिक्किम में कंचनजंगा श्रेणी के उत्तर-पूर्व में स्थित है। सिक्किम की इस झील को दुनिया में सबसे सुंदर प्राकृतिक झील माना जाता है, जिसे कुछ स्थानीय लोगों द्वारा पवित्र भी मानते हैं और इसलिए ये पूजा स्थल के साथ-साथ पर्यटन स्थल भी हैं।
नैनीताल कुमाऊँ जिले का सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन है। शहर के केंद्र में स्थित नैनी झील और नैनीताल और आस-पास के कई अन्य झीलों के लिए प्रसिद्ध है। भीमताल झील कुमाऊँ क्षेत्र की सबसे बड़ी झील है, जिसे भारत का झीलो वाला जिला भी कहा जाता है।
भोजताल एक बड़ी झील जो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल मे स्थित है, भोजताल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है और झील के दक्षिण-पूर्वी किनारे पर स्थित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भी पर्यटकों को आकर्षित करता है!
सुखना झील चंडीगढ़ की शान है और कहते है की इस झील की सुबह और शाम बेहद ही खूबसूरत होती हैं, वैसे तो चण्डीगढ़ नगर मे बहुत सारी घूमने की जगहें हैं जैसे की पिंजौर गार्डन, चट्टान वाली और रोज़ गार्डन लेकिन सुखना झील की बात ही निराली है!
थोल झील एक कृत्रिम झील है जो भारतीय राज्य गुजरात में मेहसाणा जिले में थोल गांव के पास है, इसे पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया है और इस अभयारण्य में दर्ज पक्षियों की दो सबसे प्रमुख प्रजातियाँ राजहंस और सारस हैं!
लोनार झील, जिसे लोनार क्रेटर के रूप में भी जाना जाता है, एक अधिसूचित राष्ट्रीय भू-विरासत स्मारक है जो महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के लोनार में स्थित है, यह अपनी तरह के भारत मे स्थित एक मात्र झील है!
रेणुका झील हिमाचल प्रदेश मे स्थित है और यहा की सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसका नाम देवी रेणुका के नाम पर रखा गया है और प्रदेश की सबसे बड़ी झील के रूप में जानी जाती है।
पश्चिम बंगाल की मिरिक झील प्राकृतिक सुंदरता का एक अनमोल उपहार है, सुमेंदु झील को ही मिरिक झील कहा जाता है जो मिरिक के सबसे प्रसिद्द आकर्षणों में से एक है। यह खूबसूरत पर्यटन स्थल चाय के बागानों, रंगीन बागों और इलायची के बागानों से घिरा हुआ है। मिरिक अपने आकर्षण और हल्की जलवायु से दुनिया भर के पर्यटकों को लुभाता है।
ऊटी झील को ऊटी बोट हाउस भी कहा जाता है, जो नीलगिरी जिले में ऊटी में स्थित है झील के किनारे स्थित बोट हाउस, जो पर्यटकों को नौका विहार की सुविधा प्रदान करता है और ऊटी में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
कोडाइकनाल झील, कोडई झील के नाम से भी जानी जाती है जो एक मानव निर्मित झील है और जिसे कोडाइकनाल का सबसे लोकप्रिय भौगोलिक स्थल और पर्यटक आकर्षण का दर्जा भी प्राप्त है!
यह भारत की सबसे बड़ी अंतर्देशीय नमक झील है जो जयपुर शहर के दक्षिण में 80 किमी दूर स्थित है , इस झील को पाँच नदियों से पानी मिलता है और यह भारत की सबसे बड़ी खारी झील है जिससे राजस्थान के अधिकांश नमक उत्पादन है।
ढेबर झील जिसे जयसमंद झील भी कहा जाता है, जो गोविंद बल्लभ पंत सागर के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी कृत्रिम झील है! ढेबर झील के आस-पास जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य है और ढेबर झील संगमरमर बांध और भारत के विरासत स्मारक का एक हिस्सा है।
मनुष्य द्वारा निर्मित इंदिरा सागर जलाशय भारत का सबसे बड़ा जलाशय जो मध्य प्रदेश में खंडवा जिले में स्थित है और इंदिरासागर बाँध के द्वारा नर्मदा नदी पर बनी एक बहुउद्देशीय प्रमुख परियोजना है। नमक वाली सांभर झील भारत की सबसे बड़ी अंतर्देशीय नमक झील है!