Brihaspati Dev Ji Ki Aarti – गुरुवार श्री वृहस्पति देव की आरती

बृहस्पति भगवान गुरु ग्रह के रूप में प्रसिद्ध हैं, गुरुवार के व्रत में बृहस्पति देव की आरती करने का विधान माना जाता है!

Brihaspati Dev-Aarti

ऊँ जय वृहस्पति देवा, स्वामी जय वृहस्पति देवा |
छिन छिन भोग लगा‌ऊँ, कदली फल मेवा ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्घार खड़े ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥

सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटा‌ओ, संतन सुखकारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥

जो को‌ई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥

सब बोलो विष्णु भगवान की जय । बोलो वृहस्पतिदेव भगवान की जय ॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *




You May Also Like