Ganga Mata Ki Aarti – गंगा मैय्या की आरती

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा नदी का स्वर्ग से धरती पर आगमन हुआ है, इसीलिए गंगा नदी को स्वर्ग की नदी माना गया है! भारत में गंगा नदी का जल सबसे पवित्र माना जाता है गंगा जल में स्नान करने से मोक्ष प्राप्त होता है। 

गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।

    हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी नदियों ! (मेरे स्नान करने के) इस जल में (आप सभी) पधारिए ।

    Ganga Mata ki Aarti : गंगा मैय्या की आरती, हर हर गंगे, जय मां गंगे ….

    जय गंगे माता, श्री गंगे माता
    जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥
    जय गंगे माता..

    चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।
    शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता ॥
    जय गंगे माता..

    पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।
    कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ॥
    जय गंगे माता..

    एक ही बार जो तेरी, शारणागति आता ।
    यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता ॥
    जय गंगे माता..

    आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता ।
    दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता ॥
    जय गंगे माता..

    ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
    जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥

    ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।

     

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